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Surah Al-Anaam Ayahs #54 Translated in Hindi

قُلْ لَا أَقُولُ لَكُمْ عِنْدِي خَزَائِنُ اللَّهِ وَلَا أَعْلَمُ الْغَيْبَ وَلَا أَقُولُ لَكُمْ إِنِّي مَلَكٌ ۖ إِنْ أَتَّبِعُ إِلَّا مَا يُوحَىٰ إِلَيَّ ۚ قُلْ هَلْ يَسْتَوِي الْأَعْمَىٰ وَالْبَصِيرُ ۚ أَفَلَا تَتَفَكَّرُونَ
(ऐ रसूल) उनसे कह दो कि मै तो ये नहीं कहता कि मेरे पास ख़ुदा के ख़ज़ाने हैं (कि ईमान लाने पर दे दूंगा) और न मै गैब के (कुल हालात) जानता हूँ और न मै तुमसे ये कहता हूँ कि मै फरिश्ता हूँ मै तो बस जो (ख़ुदा की तरफ से) मेरे पास वही की जाती है उसी का पाबन्द हूँ (उनसे पूछो तो) कि अन्धा और ऑंख वाला बराबर हो सकता है तो क्या तुम (इतना भी) नहीं सोचते
وَأَنْذِرْ بِهِ الَّذِينَ يَخَافُونَ أَنْ يُحْشَرُوا إِلَىٰ رَبِّهِمْ ۙ لَيْسَ لَهُمْ مِنْ دُونِهِ وَلِيٌّ وَلَا شَفِيعٌ لَعَلَّهُمْ يَتَّقُونَ
और इस क़ुरान के ज़रिए से तुम उन लोगों को डराओ जो इस बात का ख़ौफ रखते हैं कि वह (मरने के बाद) अपने ख़ुदा के सामने जमा किये जायेंगे (और यह समझते है कि) उनका ख़ुदा के सिवा न कोई सरपरस्त हे और न कोई सिफारिश करने वाला ताकि ये लोग परहेज़गार बन जाएं
وَلَا تَطْرُدِ الَّذِينَ يَدْعُونَ رَبَّهُمْ بِالْغَدَاةِ وَالْعَشِيِّ يُرِيدُونَ وَجْهَهُ ۖ مَا عَلَيْكَ مِنْ حِسَابِهِمْ مِنْ شَيْءٍ وَمَا مِنْ حِسَابِكَ عَلَيْهِمْ مِنْ شَيْءٍ فَتَطْرُدَهُمْ فَتَكُونَ مِنَ الظَّالِمِينَ
और (ऐ रसूल) जो लोग सुबह व शाम अपने परवरदिगार से उसकी ख़ुशनूदी की तमन्ना में दुऑए मॉगा करते हैं- उनको अपने पास से न धुत्कारो-न उनके (हिसाब किताब की) जवाब देही कुछ उनके ज़िम्मे है ताकि तुम उन्हें (इस ख्याल से) धुत्कार बताओ तो तुम ज़ालिम (के शुमार) में हो जाओगे
وَكَذَٰلِكَ فَتَنَّا بَعْضَهُمْ بِبَعْضٍ لِيَقُولُوا أَهَٰؤُلَاءِ مَنَّ اللَّهُ عَلَيْهِمْ مِنْ بَيْنِنَا ۗ أَلَيْسَ اللَّهُ بِأَعْلَمَ بِالشَّاكِرِينَ
और इसी तरह हमने बाज़ आदमियों को बाज़ से आज़माया ताकि वह लोग कहें कि हाएं क्या ये लोग हममें से हैं जिन पर ख़ुदा ने अपना फ़जल व करम किया है (यह तो समझते की) क्या ख़ुदा शुक्र गुज़ारों को भी नही जानता
وَإِذَا جَاءَكَ الَّذِينَ يُؤْمِنُونَ بِآيَاتِنَا فَقُلْ سَلَامٌ عَلَيْكُمْ ۖ كَتَبَ رَبُّكُمْ عَلَىٰ نَفْسِهِ الرَّحْمَةَ ۖ أَنَّهُ مَنْ عَمِلَ مِنْكُمْ سُوءًا بِجَهَالَةٍ ثُمَّ تَابَ مِنْ بَعْدِهِ وَأَصْلَحَ فَأَنَّهُ غَفُورٌ رَحِيمٌ
और जो लोग हमारी आयतों पर ईमान लाए हैं तुम्हारे पास ऑंए तो तुम सलामुन अलैकुम (तुम पर ख़ुदा की सलामती हो) कहो तुम्हारे परवरदिगार ने अपने ऊपर रहमत लाज़िम कर ली है बेशक तुम में से जो शख़्श नादानी से कोई गुनाह कर बैठे उसके बाद फिर तौबा करे और अपनी हालत की (असलाह करे ख़ुदा उसका गुनाह बख्श देगा क्योंकि) वह यक़ीनी बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है

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