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Surah Al-Qiyama Translated in Hindi

لَا أُقْسِمُ بِيَوْمِ الْقِيَامَةِ
मैं रोजे क़यामत की क़सम खाता हूँ
وَلَا أُقْسِمُ بِالنَّفْسِ اللَّوَّامَةِ
(और बुराई से) मलामत करने वाले जी की क़सम खाता हूँ (कि तुम सब दोबारा) ज़रूर ज़िन्दा किए जाओगे
أَيَحْسَبُ الْإِنْسَانُ أَلَّنْ نَجْمَعَ عِظَامَهُ
क्या इन्सान ये ख्याल करता है (कि हम उसकी हड्डियों को बोसीदा होने के बाद) जमा न करेंगे हाँ (ज़रूर करेंगें)
بَلَىٰ قَادِرِينَ عَلَىٰ أَنْ نُسَوِّيَ بَنَانَهُ
हम इस पर क़ादिर हैं कि हम उसकी पोर पोर दुरूस्त करें
بَلْ يُرِيدُ الْإِنْسَانُ لِيَفْجُرَ أَمَامَهُ
मगर इन्सान तो ये जानता है कि अपने आगे भी (हमेशा) बुराई करता जाए
يَسْأَلُ أَيَّانَ يَوْمُ الْقِيَامَةِ
पूछता है कि क़यामत का दिन कब होगा
فَإِذَا بَرِقَ الْبَصَرُ
तो जब ऑंखे चकाचौन्ध में आ जाएँगी
وَخَسَفَ الْقَمَرُ
और चाँद गहन में लग जाएगा
وَجُمِعَ الشَّمْسُ وَالْقَمَرُ
और सूरज और चाँद इकट्ठा कर दिए जाएँगे
يَقُولُ الْإِنْسَانُ يَوْمَئِذٍ أَيْنَ الْمَفَرُّ
तो इन्सान कहेगा आज कहाँ भाग कर जाऊँ
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