Surah As-Sajda Translated in Hindi
تَنْزِيلُ الْكِتَابِ لَا رَيْبَ فِيهِ مِنْ رَبِّ الْعَالَمِينَ
इसमे कुछ शक नहीं कि किताब क़ुरान का नाज़िल करना सारे जहाँ के परवरदिगार की तरफ से है
أَمْ يَقُولُونَ افْتَرَاهُ ۚ بَلْ هُوَ الْحَقُّ مِنْ رَبِّكَ لِتُنْذِرَ قَوْمًا مَا أَتَاهُمْ مِنْ نَذِيرٍ مِنْ قَبْلِكَ لَعَلَّهُمْ يَهْتَدُونَ
क्या ये लोग (ये कहते हैं कि इसको इस शख्स (रसूल) ने अपनी जी से गढ़ लिया है नहीं ये बिल्कुल तुम्हारे परवरदिगार की तरफ से बरहक़ है ताकि तुम उन लोगों को (ख़ुदा के अज़ाब से) डराओ जिनके पास तुमसे पहले कोई डराने वाला आया ही नहीं ताकि ये लोग राह पर आएँ
اللَّهُ الَّذِي خَلَقَ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضَ وَمَا بَيْنَهُمَا فِي سِتَّةِ أَيَّامٍ ثُمَّ اسْتَوَىٰ عَلَى الْعَرْشِ ۖ مَا لَكُمْ مِنْ دُونِهِ مِنْ وَلِيٍّ وَلَا شَفِيعٍ ۚ أَفَلَا تَتَذَكَّرُونَ
ख़ुदा ही तो है जिसने सारे आसमान और ज़मीन और जितनी चीज़े इन दोनो के दरमियान हैं छह: दिन में पैदा की फिर अर्श (के बनाने) पर आमादा हुआ उसके सिवा न कोई तुम्हारा सरपरस्त है न कोई सिफारिशी तो क्या तुम (इससे भी) नसीहत व इबरत हासिल नहीं करते
يُدَبِّرُ الْأَمْرَ مِنَ السَّمَاءِ إِلَى الْأَرْضِ ثُمَّ يَعْرُجُ إِلَيْهِ فِي يَوْمٍ كَانَ مِقْدَارُهُ أَلْفَ سَنَةٍ مِمَّا تَعُدُّونَ
आसमान से ज़मीन तक के हर अम्र का वही मुद्ब्बिर (व मुन्तज़िम) है फिर ये बन्दोबस्त उस दिन जिस की मिक़दार तुम्हारे शुमार से हज़ार बरस से होगी उसी की बारगाह में पेश होगा
ذَٰلِكَ عَالِمُ الْغَيْبِ وَالشَّهَادَةِ الْعَزِيزُ الرَّحِيمُ
वही (मुदब्बिर) पोशीदा और ज़ाहिर का जानने वाला (सब पर) ग़ालिब मेहरबान है
الَّذِي أَحْسَنَ كُلَّ شَيْءٍ خَلَقَهُ ۖ وَبَدَأَ خَلْقَ الْإِنْسَانِ مِنْ طِينٍ
वह (क़ादिर) जिसने जो चीज़ बनाई (निख सुख से) ख़ूब (दुरुस्त) बनाई और इन्सान की इबतेदाई ख़िलक़त मिट्टी से की
ثُمَّ جَعَلَ نَسْلَهُ مِنْ سُلَالَةٍ مِنْ مَاءٍ مَهِينٍ
उसकी नस्ल (इन्सानी जिस्म के) खुलासा यानी (नुत्फे के से) ज़लील पानी से बनाई
ثُمَّ سَوَّاهُ وَنَفَخَ فِيهِ مِنْ رُوحِهِ ۖ وَجَعَلَ لَكُمُ السَّمْعَ وَالْأَبْصَارَ وَالْأَفْئِدَةَ ۚ قَلِيلًا مَا تَشْكُرُونَ
फिर उस (के पुतले) को दुरुस्त किया और उसमें अपनी तरफ से रुह फूँकी और तुम लोगों के (सुनने के) लिए कान और (देखने के लिए) ऑंखें और (समझने के लिए) दिल बनाएँ (इस पर भी) तुम लोग बहुत कम शुक्र करते हो
وَقَالُوا أَإِذَا ضَلَلْنَا فِي الْأَرْضِ أَإِنَّا لَفِي خَلْقٍ جَدِيدٍ ۚ بَلْ هُمْ بِلِقَاءِ رَبِّهِمْ كَافِرُونَ
और ये लोग कहते हैं कि जब हम ज़मीन में नापैद हो जाएँगे तो क्या हम फिर नया जन्म लेगे (क़यामत से नही) बल्कि ये लोग अपने परवरदिगार के (सामने हुज़ूरी ही) से इन्कार रखते हैं
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