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Surah Yusuf Ayahs #95 Translated in Hindi

قَالُوا تَاللَّهِ لَقَدْ آثَرَكَ اللَّهُ عَلَيْنَا وَإِنْ كُنَّا لَخَاطِئِينَ
वह लोग कहने लगे ख़ुदा की क़सम तुम्हें ख़ुदा ने यक़ीनन हम पर फज़ीलत दी है और बेशक हम ही यक़ीनन (अज़सरतापा) ख़तावार थे
قَالَ لَا تَثْرِيبَ عَلَيْكُمُ الْيَوْمَ ۖ يَغْفِرُ اللَّهُ لَكُمْ ۖ وَهُوَ أَرْحَمُ الرَّاحِمِينَ
यूसुफ ने कहा अब आज से तुम पर कुछ इल्ज़ाम नहीं ख़ुदा तुम्हारे गुनाह माफ फरमाए वह तो सबसे ज्यादा रहीम है ये मेरा कुर्ता ले जाओ
اذْهَبُوا بِقَمِيصِي هَٰذَا فَأَلْقُوهُ عَلَىٰ وَجْهِ أَبِي يَأْتِ بَصِيرًا وَأْتُونِي بِأَهْلِكُمْ أَجْمَعِينَ
और उसको अब्बा जान के चेहरे पर डाल देना कि वह फिर बीना हो जाएंगें (देखने लगेंगे) और तुम लोग अपने सब लड़के बालों को लेकर मेरे पास चले आओ
وَلَمَّا فَصَلَتِ الْعِيرُ قَالَ أَبُوهُمْ إِنِّي لَأَجِدُ رِيحَ يُوسُفَ ۖ لَوْلَا أَنْ تُفَنِّدُونِ
और जो ही ये काफ़िला मिस्र से चला था कि उन लोगों के वालिद (याक़ूब) ने कहा दिया था कि अगर मुझे सठिया या हुआ न कहो तो बात कहूँ कि मुझे यूसुफ की बू मालूम हो रही है
قَالُوا تَاللَّهِ إِنَّكَ لَفِي ضَلَالِكَ الْقَدِيمِ
वह लोग कुनबे वाले (पोते वग़ैराह) कहने लगे आप यक़ीनन अपने पुराने ख़याल (मोहब्बत) में (पड़े हुए) हैं

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